छोटी स्कर्ट व शॉर्ट्स पहनना हुआ मना, लखनऊ के इन जगहों पर दिखें तो लिया जाएगा बड़ा एक्शन
छोटी स्कर्ट व शॉर्ट्स पहनना हुआ मना, लखनऊ के इन जगहों पर दिखें तो लिया जाएगा बड़ा एक्शन
लखनऊ. कपड़े पहनने का शौक तो सभी को होता है, लेकिन कहां कब कैसे कपड़े पहनने है ये नवाबों का शहर लखनऊ (Lucknow) बताएगा। अगर आप अपने शौकीन कपड़ों के साथ राजधानी लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहर बड़ा इमामबाड़ा (Bara Imambara) अौर छोटा इमामबाड़ा धूमने का मन बना रहे है तो ठहर जाइए। जिला प्रशासन ने मुस्लिम धर्मगुरुओं के सुझाव पर तय किया है कि इमामबाड़ा परिसर में पर्यटक छोटी स्कर्ट और टॉप या अन्य बदन-दिखाऊ कपड़े पहनकर नहीं जाएंगे। जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि इसकी निगरानी की जिम्मेदारी सिक्यॉरिटी गार्डों को सौंपी जाएगी और सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे। साथ ही इमामबाड़ा परिसर में पेशेवर फोटोग्राफी और शूटिंग भी नहीं हो सकेगी।
कौशल शर्मा ने कहा कि छोटे और बड़े इमामबाड़ा में छोटी स्कर्ट और टॉप पहनकर आने की अनुमति अब नहीं मिलेगी। आगंतुकों को दो सदियों से भी ज्यादा पुराने स्मारकों की पवित्रता को ध्यान में रखकर ऐसे कपड़े पहन के आने होंगे जिनमें उनका शरीर ढंका हो।
डीएम सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सुरक्षाकर्मियों और गाइडों को भी निर्देश दे दिया गया है कि गलत कपड़े पहनने वाले लोगों को गेट से ही रोक दिया जाए और धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली गलत गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए कड़ी नजर रखी जाए। इमामबाड़ा शियाओं के लिए धार्मिक महत्ता रखता है और वे अभद्र व्यवहार पर नाराज होते हैं।
बता दें कि शिया विद्वानों, इतिहासकारों और धार्मिक गुरुओं का कहना है कि इन धार्मिक स्थलों पर आकर लोग नापाक शूटिंग करते हैं, कई जोड़े यहां प्रेमालाप करने भी आते हैं। इससे इस ऐतिहासिक स्थल की पवित्रता प्रभावित होती है। नापाक फोटोशूट से नाराज मौलवियों ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्थानीय प्रशासन को खत लिखकर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तरह पर्यटकों के लिए कड़े कानून बनाने की मांग की थी।
बता दें कि शिया विद्वानों, इतिहासकारों और धार्मिक गुरुओं का कहना है कि इन धार्मिक स्थलों पर आकर लोग नापाक शूटिंग करते हैं, कई जोड़े यहां प्रेमालाप करने भी आते हैं। इससे इस ऐतिहासिक स्थल की पवित्रता प्रभावित होती है। नापाक फोटोशूट से नाराज मौलवियों ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्थानीय प्रशासन को खत लिखकर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तरह पर्यटकों के लिए कड़े कानून बनाने की मांग की थी।
मौलवियों का कहना है कि बड़ा इमामबाड़ा कोई टूरिस्ट स्पॉट नहीं है। यह 235 साल पुरानी ऐतिहासिक इमारत है। इस धरोहर का अपना इतिहास है। यह मुस्लिमों की भावनाओं से जुड़ा स्थल है। इसलिए इसकी धार्मिक पवित्रता को बनाए रखना जरूरी है। लेकिन इस स्थल पर अक्सर नयी उमर के जोड़े प्यार का इजहार करते पाए जाते हैं।
लखनऊ. कपड़े पहनने का शौक तो सभी को होता है, लेकिन कहां कब कैसे कपड़े पहनने है ये नवाबों का शहर लखनऊ (Lucknow) बताएगा। अगर आप अपने शौकीन कपड़ों के साथ राजधानी लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहर बड़ा इमामबाड़ा (Bara Imambara) अौर छोटा इमामबाड़ा धूमने का मन बना रहे है तो ठहर जाइए। जिला प्रशासन ने मुस्लिम धर्मगुरुओं के सुझाव पर तय किया है कि इमामबाड़ा परिसर में पर्यटक छोटी स्कर्ट और टॉप या अन्य बदन-दिखाऊ कपड़े पहनकर नहीं जाएंगे। जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि इसकी निगरानी की जिम्मेदारी सिक्यॉरिटी गार्डों को सौंपी जाएगी और सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे। साथ ही इमामबाड़ा परिसर में पेशेवर फोटोग्राफी और शूटिंग भी नहीं हो सकेगी।
कौशल शर्मा ने कहा कि छोटे और बड़े इमामबाड़ा में छोटी स्कर्ट और टॉप पहनकर आने की अनुमति अब नहीं मिलेगी। आगंतुकों को दो सदियों से भी ज्यादा पुराने स्मारकों की पवित्रता को ध्यान में रखकर ऐसे कपड़े पहन के आने होंगे जिनमें उनका शरीर ढंका हो।
डीएम सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सुरक्षाकर्मियों और गाइडों को भी निर्देश दे दिया गया है कि गलत कपड़े पहनने वाले लोगों को गेट से ही रोक दिया जाए और धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली गलत गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए कड़ी नजर रखी जाए। इमामबाड़ा शियाओं के लिए धार्मिक महत्ता रखता है और वे अभद्र व्यवहार पर नाराज होते हैं।
बता दें कि शिया विद्वानों, इतिहासकारों और धार्मिक गुरुओं का कहना है कि इन धार्मिक स्थलों पर आकर लोग नापाक शूटिंग करते हैं, कई जोड़े यहां प्रेमालाप करने भी आते हैं। इससे इस ऐतिहासिक स्थल की पवित्रता प्रभावित होती है। नापाक फोटोशूट से नाराज मौलवियों ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्थानीय प्रशासन को खत लिखकर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तरह पर्यटकों के लिए कड़े कानून बनाने की मांग की थी।
बता दें कि शिया विद्वानों, इतिहासकारों और धार्मिक गुरुओं का कहना है कि इन धार्मिक स्थलों पर आकर लोग नापाक शूटिंग करते हैं, कई जोड़े यहां प्रेमालाप करने भी आते हैं। इससे इस ऐतिहासिक स्थल की पवित्रता प्रभावित होती है। नापाक फोटोशूट से नाराज मौलवियों ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्थानीय प्रशासन को खत लिखकर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तरह पर्यटकों के लिए कड़े कानून बनाने की मांग की थी।
मौलवियों का कहना है कि बड़ा इमामबाड़ा कोई टूरिस्ट स्पॉट नहीं है। यह 235 साल पुरानी ऐतिहासिक इमारत है। इस धरोहर का अपना इतिहास है। यह मुस्लिमों की भावनाओं से जुड़ा स्थल है। इसलिए इसकी धार्मिक पवित्रता को बनाए रखना जरूरी है। लेकिन इस स्थल पर अक्सर नयी उमर के जोड़े प्यार का इजहार करते पाए जाते हैं।
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