बलिया और आजमगढ़ में बारिश ने ढाया कहर, चार की मौत, ट्रेनों पर भी असर

बलिया और आजमगढ़ में तूफानी बारिश ने जबरदस्त कहर ढाया है। जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। कई स्थानों पर पेड़ गिरने से सड़क और बिजली दोनों ठप है। घरों-दुकानों में भी पानी भर गया है। आज़मगढ़ में महिला सहित चार लोगों की मौत भी हो गई। स्कूलों में कमर तक पानी भरा है। बलिया में नेशनल हाईवे 31 पर जाम लगा हुआ है। शुक्रवार की रात तेज हवा के साथ हुई जोरदार बरसात का असर रेल आवागमन पर भी पड़ा। रेलवे ट्रैक पर दो अलग-अलग जगहों पर पेड़ के गिर जाने के कारण दो ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ।

आजमगढ़ ब्यूरो के अनुसार सप्ताह भर से हो रही बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार की रात करीब आठ बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने पूरे जिले को तबाह कर दिया। तेज आंधी के साथ हुई बारिश से कई मकान व पेड़ गिर गये। बारिश से सिधारी थाना के सामने कालोनी में पानी बढ़ गया। एक मकान में तेजी से पानी जाने लगा। सिधारी पुलिस ने रात में पीड़ित परिवार को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

डीएम आवास के पास जाफरपुर में सड़क पर पेड़ गिर जाने से आजमगढ़-निजामबाद मार्ग प्रभावित है। शनिवार की दोपहर तक चार पहिया वाहन नहीं जा पा रहे थे। मोहम्मदपुर संवाददाता के अनुसार गंभीरपुर थाना क्षेत्र के दयालपुर गांव में शनिवार की सुबह कच्चे मकान की दीवार गिरने से आठ वर्षीय अर्पित यादव की मौत हो गयी। इसके साथ ही  65 वर्षीय गायत्री, 35 वर्षीय जीत नरायन, 10 वर्षीय आदित्य घायल हो गया। दीदारगंज संवाददाता के अुनसार क्षेत्र के पुष्पनगर गांव में शुक्रवार की रात 80 वर्षीय सूर्यनाथ मिश्र मंडई में सो रहे थे।  तेज बारिश व आंधी से मंडई गिर गयी। जिसमें दब कर वृद्ध की मौत हो गयी।

अतरौलिया संवाददाता के अनुसार शनिवार की रात तेज बारिश से छितौनी गांव के मनवरपुर में कच्ची दीवार गिर गयी। मलबे में दब कर एक महिला की मौत हो गयी। वही क्षेत्र के इब्राहिमपुर में 18 वर्षीय युवक की मौत हो गयी। सठियांव संवाददाता के अनुसार क्षेत्र के देवरिया खालसा गांव में कच्चा मकान गिर गया। मेंहनगर संवाददाता के अनुसार क्षेत्र के गहुंनी गांव में बिजली के पांच खम्भे गिरने से बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गयी। फूलपुर संवाददाता के अनुसार नदी से सटे गांव व कस्बा के करीब 100 घर जलमग्न हो गये है। घर छोड़ कर लोगों ने कस्बा के मंदिर व धर्मशाला में पनाह ली है।

बलिया ब्यूरो के अनुसार तीन दिन से लगातार हो रही बारिश और तेज हवा ने आपात स्थिति पैदा कर दी है। जगह-जगह बड़े पेड़ों के गिर जाने से सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं तो बिजली गुल होने से पानी का संकट खड़ा हो गया है। सड़कें ही नहीं, कालोनियों व घरों तक मे पानी जमा हो गया है। कच्चे मकान ध्वस्त हो गए तो दुकानों में रखे सामान बारिश की भेंट चढ़ गए।

तेज हवा के साथ बारिश में बलिया-बैरिया एनएच 31 पर शहर के भृगुआश्रम के पास विशाल पेड़ गिर गया। इससे एनएच पर बड़े वाहनों की आवाजाही ठप हो गयी। पेड़ के नीचे दबकर ई-रिक्शा व ठेलिया क्षतिग्रस्त हो गये। एनएच के अलावा अन्य कई मार्गों पर भी पेड़ गिरने से आवागमन बाधित रहा।

कई मुहल्लों में बुधवार की रात से बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप है तो कुछ इलाकों में शुक्रवार की रात से बिजली के दर्शन नहीं हुए। बिजली के अभाव में लोगों को पीने के पानी को भी तरसना पड़ा। लोग पानी का बोतल लेने आरओ प्लांट वालों के यहां पहुंचे तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। देहातों में तो बिजली की हालत और भी बदतर हो गयी है।

ट्रैक पर गिरा पेड़, रेल यातायात रहा ठप
बलिया में शुक्रवार की रात तेज हवा के साथ हुई जोरदार बरसात का असर रेल आवागमन पर भी पड़ा। रेलवे ट्रैक पर दो अलग-अलग जगहों पर पेड़ के गिर जाने के कारण दो ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ।
बिहार के किशनगंज से चलकर अजमेर जा रही 15715 अप गरीब-नवाज एक्सप्रेस रात करीब नौ बजे चिलकहर स्टेशन से गुजर रही थी। इसी बीच रसड़ा-चिलकहर के बीच किलोमीटर 20/8 के पास रेल पटरी के किनारे गिरे पेड़ की टहनियां ट्रैक पर पड़ी थी। बारिश के बीच चालक की नजर टहनियों पर पड़ी तो उसने कंट्रोल रुम को अवगत कराया। कुछ देर तक ट्रेन खड़ी रही इसके बाद कुछ ग्रामीणों की मदद से चालकों ने पेड़ की डाल को हटाया। इसके बाद रात करीब 9.42 बजे ट्रेन रसड़ा रेलवे स्टेशन पर पहुंची।

जयनगर से चलकर अमृतसर को जा रही 18649 अप सरयू-जमुना एक्सप्रेस शुक्रवार की रात करीब 12.35 बजे रसड़ा रेलवे स्टेशन से मऊ के लिये चली। इसी बीच रसड़ा-मऊ मार्ग पर रजमलपुर हाल्ट से कुछ दूर पहले किलोमीटर 24/0 व 24/02 के पास पेड़ रेल पटरी पर गिरे थे। ट्रेन के चालकों ने गाड़ी खड़ा करने के बाद इस मामले से कंट्रोल रुम व अधिकारियों को अवगत कराया। जानकारी होने के बाद रात में ही रेलकर्मी मौके पर पहुंचे तथा दोनों जगहों पर गिरे पेड़ों को काटकर रास्ता साफ किया। इसके बाद करीब तीन घंटे तक खड़ी सरयू-जमुना एक्स. रात 3.20 बजे रवाना हो सकी। रसड़ा रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर विरेन्द्र सिंह ने बताया कि चिलकहर के पास सिर्फ टहनी रेल पटरी पर थी, जबकि रजमलपुर के पास पूरा पेड़ ही रेलवे लाइन पर गिर पड़ा था।

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