बरसात में हैंडपंपों ने छोड़ा साथ पाताल में गया पानी, मचा हाहाकार,किसानों के सबमर्सिबल पंप भी पड़े हैं बंद।।
वाराणसी आराजी लाइन विकासखंड में जल संकट गहराया
पहले से ही डार्क जोन घोषित है यह ब्लाक
प्रणय कुमार सिंह
विकासखंड आराजी लाइन के 50 से अधिक गांवो में जल संकट गहरा गया है। पेयजल के लिए लगे हैंडपंपो ने पानी छोड़ दिया है।लोगों को पीने के लिए पानी की दिक्कतें हो गई है।यूं तो विकासखंड आराजी लाइन पहले से ही डार्क जोन घोषित है लेकिन इस बार मध्य सावन महीने में पाताल की ओर जा रहे पानी ने लोगों को के सामने सिर्फ समस्या ही नहीं पैदा की है बल्कि लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मध्य सावन में ऐसी स्थिति है तो आने वाले दिनों और अगले साल गर्मी क्या हाल होगा। स्थिति इस कदर भयावह हो गई है कि लोग पीने के लिए पानी के जुगाड़ में सुबह शाम परेशान है।ढढोरपुर तीनकेड़वा, टड़ियां, परमपुर गंगापुर, सरौनी, सजोई, सहित तमाम गांव के सरकारी,निजी हैंड पंप से पानी आना बंद हो गया है। जब की गहराई में लगे समरसेबल पंप से भी पानी निकलना बंद हो गया। ऐसे किसान जिनके सबमर्सिबल पंप आज से चार पांच बरस पहले लगे थे वह बंद हो गए हैं। ऐसे में धान की सिंचाई कर पाना मुश्किल हो गया है।
ढढोरपुर के किसान नीरज पांडेय, बेचू पटेल, गिरजा प्रसाद पांडेय, कमला कांत पांडेय, अशोक बिंद ने बताया कि इनके खेतों में लगे सबमर्सिबल पंप ने पानी छोड़ दिया है लिहाजा धान की खेती प्रभावित हो रही है। इन किसानों ने पाईप बढ़ाकर अपने पंप को बोरिंग में नीचे किया है जिससे थोड़ा-थोड़ा पानी मिलने लगा है पर स्थिति गंभीर बनी हुई है। साथ ही साथ ढ़ढोरपुर व तिनकेड़वा स्थित सरकारी ट्यूबेल से भी कम पानी आ रहा है। राजकीय नलकूप बीच बीच में पानी छोड़ दे रहे है। गांव के इंडिया मार्का टू भी हैंडपंप भी पानी छोड़ दे रहे हैं। परमपुर के चंद्रमा प्रसाद, सजोई के उपलक्ष्य श्रीवास्तव, घमहापुर के मुकेश सिंह ने बताया कि इनके भी गांव में हैंडपंपों ने पानी छोड़ दिया है।
प्रस्तुती राज कुमार गुप्ता वाराणसी
पहले से ही डार्क जोन घोषित है यह ब्लाक
प्रणय कुमार सिंह
विकासखंड आराजी लाइन के 50 से अधिक गांवो में जल संकट गहरा गया है। पेयजल के लिए लगे हैंडपंपो ने पानी छोड़ दिया है।लोगों को पीने के लिए पानी की दिक्कतें हो गई है।यूं तो विकासखंड आराजी लाइन पहले से ही डार्क जोन घोषित है लेकिन इस बार मध्य सावन महीने में पाताल की ओर जा रहे पानी ने लोगों को के सामने सिर्फ समस्या ही नहीं पैदा की है बल्कि लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मध्य सावन में ऐसी स्थिति है तो आने वाले दिनों और अगले साल गर्मी क्या हाल होगा। स्थिति इस कदर भयावह हो गई है कि लोग पीने के लिए पानी के जुगाड़ में सुबह शाम परेशान है।ढढोरपुर तीनकेड़वा, टड़ियां, परमपुर गंगापुर, सरौनी, सजोई, सहित तमाम गांव के सरकारी,निजी हैंड पंप से पानी आना बंद हो गया है। जब की गहराई में लगे समरसेबल पंप से भी पानी निकलना बंद हो गया। ऐसे किसान जिनके सबमर्सिबल पंप आज से चार पांच बरस पहले लगे थे वह बंद हो गए हैं। ऐसे में धान की सिंचाई कर पाना मुश्किल हो गया है।
ढढोरपुर के किसान नीरज पांडेय, बेचू पटेल, गिरजा प्रसाद पांडेय, कमला कांत पांडेय, अशोक बिंद ने बताया कि इनके खेतों में लगे सबमर्सिबल पंप ने पानी छोड़ दिया है लिहाजा धान की खेती प्रभावित हो रही है। इन किसानों ने पाईप बढ़ाकर अपने पंप को बोरिंग में नीचे किया है जिससे थोड़ा-थोड़ा पानी मिलने लगा है पर स्थिति गंभीर बनी हुई है। साथ ही साथ ढ़ढोरपुर व तिनकेड़वा स्थित सरकारी ट्यूबेल से भी कम पानी आ रहा है। राजकीय नलकूप बीच बीच में पानी छोड़ दे रहे है। गांव के इंडिया मार्का टू भी हैंडपंप भी पानी छोड़ दे रहे हैं। परमपुर के चंद्रमा प्रसाद, सजोई के उपलक्ष्य श्रीवास्तव, घमहापुर के मुकेश सिंह ने बताया कि इनके भी गांव में हैंडपंपों ने पानी छोड़ दिया है।
प्रस्तुती राज कुमार गुप्ता वाराणसी
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