विधायकजी ‘अकोढ़ा-रोही’ आओगे या ‘लग्गी’ से ‘पानी’ पीलाओगे.!
भदोही जनपद के ज्ञानपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अकोढ़ा-रोही ग्राम की जनसमस्याओं के जनसंवाद हेतु चौपाल बाहूबली विधायक कहे जाने वाले विजय मिश्रा नहीं सजा पा रहे हैं। यहां अधिकांश परिवार के मुखिया या युवा पुश्तैनी मुंबई-दिल्ली, कलकत्ता या विदेश भले हों लेकिन जन्मभूमि की सेवा में तत्पर रहते हैं। यहां से अधिकांश सार्वजनिक विकास कार्य की मांग अब युवागण बेहिचक रखते हैं लेकिन शायद विधान सभा क्षेत्र की लंबी फेहरिस्त में नंबर ही नहीं लगता है। आजकल परदेशी युवा कहते हैं कि “विधायकजी अकोढ़ा-रोही आओगे या ‘लग्गी’ से ‘पानी’ पीलाओगे”…इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि चमचमाती मुख्य मार्ग की सड़कें और अब उनके ही पुराने विकास कार्य मरम्मत मांग रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष के पुश्तैनी गांव अकोढ़ा बूथ अध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिपाठी सामाजिक-धार्मिक कार्योँ का नेतृत्व करते हैं, जो कि सदैव रोही चौराहे पर उपस्थित हैं। बूथ अध्यक्ष अकोढ़ा-रोही चौराहे पर सार्वजनिक सोलर लाइट, शौचालय और काशी गोमती बैंक के सामने से प्रजापति बस्ती होते हुए सोहगौरा बस्ती और दिनेश कुमार शुक्ला के घर तक विधायक द्वारा बनी पुरानी रोड की मरम्मत की अपेक्षा व्यक्त करते हैं। इसी के साथ ‘मातृभूमि संकल्प’ अकोढ़ा के युवा नेतृत्वकार ‘श्रीराम-जानकी चबूतरा’ प्रांगण के सौंदर्यीकरण के साथ अकोढ़ा-रोही तालाब के सौंदर्यीकरण एवम् प्रयागरज बार्डर से करीबन ७०० मीटर रोही चौराहे तक मुख्य मार्ग पर सरकारी विद्युतीकरण का आग्रह करते हैं। श्रीराम-जानकी चबूतरा प्रांगण में ग्राम प्रधान विनोद जायसवाल द्वारा सवालाखी सार्वजनिक सोलर लाइट लगने के बाद ‘दक्षिणमुखी श्रीहनुमान मंदिर’ काशी प्रयाग मध्य प्रांगण में भी सार्वजनिक सोलर लाइट की मांग भी सुरेंद्र पाठक (गुड्डू) की है। विनय त्रिपाठी ‘सेनानी’ कहते हैं कि ‘कभी फुरसत में विधायकजी यहां मिल जाते तो कई अन्य समस्याओं का भी त्वरित निस्तारण हो जाता लेकिन कभी आ भी जाते हैं तो उनके समर्थक मिलने के लिए ज्यादा हो जाते हैं तो छोटी-छोटी जनसमस्या पर बात नहीं हो पाती और सार्वजनिक बड़ी समस्याओं पर उनकी पैनी नजर है।’
रोही- यदि रोही गांव की बात करें तो प्रयागरज बार्डर के करीब से ठाकूर बस्ती मार्ग तो करीबन छह: सालों से खड्हर में तब्दील होकर दुर्घटना को निमंत्रण दे रहा है, जिसका निस्तारण पिछले सांसद चुनावी आश्वासन के बाद भी जीतकर नहीं दे पाये थे। यहां युवा भाजपाई संतोष सिंह, विधायक समर्थक प्रधान पुत्र विशाल सिंह जैसे दर्जनों युवा-बुजुर्ग सड़क के मरम्मत की आवाज उठाते रहे हैं।
रोही की शुक्लान बस्ती से मुंबई बसे भाजपा कार्यकर्ता रमाकांत शुक्ला के शब्दों में “आज से 12 वर्ष पहले जिलापंचायत के द्वारा बनवाई गई सड़क जिसका श्रेय विधायक विजय मिश्रा के अथक प्रयास का परिणाम स्वरूप रोही शुकुलान बस्ती के लिए मिला था, डामरीकरण की गई वो सड़क अब बहुत जर्जर हालत में हो गई है। जिसमें बुजुर्ग, बाइक और बरसात के समय बहुत तकलीफ हो रही हैं, वही सड़क जो शुकुलान बस्ती को वहीदा मार्ग से जोड़ती है और सड़क पर एकाध हैंडपंप। सोलर लाइट हमारे शिवमंदिर पर भी नहीं है इस समय, जो की काफी पुराना शिव मंदिर है। इसलिए ये सब बहुत जरूरी है कि वो सड़क बने जिससे गांव के 75% लोग लाभान्वित होंगे। अपने विकासप्रिय कार्य सम्राट विधायक से फिर इस सड़क की जर्जर हालत को ठीक करने की अपील करता हूँ।”
ऐसी दर्जनों सार्वजनिक विकास कार्यों की मांग जब होती है तो हास्य व्यंग्य में युवा-बुजुर्ग बोल पड़ते हैं कि ‘विधायकजी अकोढ़ा-रोही आओगे या ‘लग्गी’ से ‘पानी’ पीलाओगे..।
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