163 साल बाद मिट गया इलाहाबाद का नाम , जंक्शन समेत चार स्टेशन हुए प्रयागराज
प्रयागराज | सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के बाद इलाहाबाद स्टेशनों के नाम बदलने की प्रक्रिया ने तेजी पकड़ ली है। इलाहाबाद जंक्शन के साइन बोर्डो में लिखे पुराने नाम हटाकर नया नाम लिख दिया गया। इलाहाबाद जंक्शन के साइन बोर्डो में प्रयागराज लिख गया है । अंग्रेजी हुकूमत के दौरान फरवरी 1857 में इलाहाबाद से कानपुर के बीच 41 किलोमीटर ट्रेन ट्रायल के तौर पर चलाई गई थी 1869 में दोनों शहरों के बीच निरंतर ट्रेनों का आवागमन शुरू हो गया । लगभग 163 बरस से इलाहाबाद जंक्शन का नाम दर्ज था । पूरी दुनिया भर में विख्यात इलाहाबाद जंक्शन स्टेशन प्रयागराज जंक्शन स्टेशन के नाम से जाना जाएगा । तीन भाषाओं में लिखे इलाहाबाद जंक्शन का नाम बदल कर प्रयागराज दिया गया है।
अकबर ने बदला था नाम
सूबे में योगी सरकार बनने के बाद ने 2018 अक्तूबर में 450 वर्षों के बाद इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया था। वहीं 163 बरस बाद इलाहाबाद जंक्शन का नाम बदलकर प्रयागराज जंक्शन हो गया है । इतिहास के जानकारों की मानें तो मुगल शासक सम्राट अकबर ने शहर का नाम प्रयागराज से बदलकर अल्लाहाबाद कर दिया था । जबकि पुराणों में कई स्थानों पर प्रयागराज नाम के जिक्र मिलता है। इतिहासकार बताते हैं कि अकबर ने करीब 1574 में इस शहर में अपने किले की नींव रखी जिसके बाद अकबर ने यहां एक नया शहर बसाया । तब उसने इसका नाम प्रयागराज से बदलकर इलाहाबाद कर दिया था ।
2018 में बदल गया था शहर का नाम
केंद्र सरकार से एनओसी मिलने के बाद राज्य सरकार की ओर से गुरुवार शाम को जारी की गई अधिसूचना के बाद इलाहाबाद जंक्शन स्टेशन अब प्रयागराज जंक्शन के नाम से जाना जायेगा। जबकि इलाहाबाद सिटी को प्रयागराज रामबाग और प्रयाग घाट को प्रयागराज संगम के नाम से जाना जायेगा। वहीं यमुनापार में पड़ने वाले इलाहाबाद छिवकी स्टेशन का भी नाम बदलकर प्रयागराज छिवकी कर दिया गया है। योगी सरकार ने कुम्भ 2019 से पहले अक्टूबर 2018 में इलाहाबाद जिले का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था। आदेश के बाद अब स्टेशनों के नाम बदलने का काम तेजी से किया जा रहा है । पुराने नामो को मिटाकर नए नाम लिखे जाने लगे है।
विश्वविख्यात है संगम नगरी संगम नगरी
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण विश्वविख्यात है। धार्मिक दृष्टि से इलाहाबाद को हमेशा प्रयाग या फिर प्रयागराज ही कहा जाता रहा है। 2017 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2018 में इलाहाबाद का नाम बदलकर एक बार फिर से प्रयागराज कर दिया गया। प्रदेश के सभी कागजों में इलाहाबाद को परिवर्तित कर प्रयागराज कर दिया गया। लेकिन केंद्रीय कार्यालयों और रेलवे स्टेशनों का नाम इलाहाबाद के नाम से ही जाना जा रहा था। प्रयागराज के मंडलायुक्त द्वारा इलाहाबाद जंक्शन सहित सभी स्टेशनों के नाम बदल कर प्रयागराज करने के लिए प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया जिसको संस्तुति के लिए केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार द्वारा प्रेषित किया गया। जो 19 फरवरी 2020 को प्रदेश सरकार द्वारा नाम परिवर्तित किए जाने की संसुति की गई । जिसके बाद शनिवार को इलाहाबाद जंक्शन सहित प्रयागराज में आने वाले सभी चार स्टेशनों का नाम बदल कर प्रयागराज जंक्शन प्रयागराज छिवकी प्रयागराज रामबाग और प्रयागराज संगम कर दिया गया।
अकबर ने बदला था नाम
सूबे में योगी सरकार बनने के बाद ने 2018 अक्तूबर में 450 वर्षों के बाद इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया था। वहीं 163 बरस बाद इलाहाबाद जंक्शन का नाम बदलकर प्रयागराज जंक्शन हो गया है । इतिहास के जानकारों की मानें तो मुगल शासक सम्राट अकबर ने शहर का नाम प्रयागराज से बदलकर अल्लाहाबाद कर दिया था । जबकि पुराणों में कई स्थानों पर प्रयागराज नाम के जिक्र मिलता है। इतिहासकार बताते हैं कि अकबर ने करीब 1574 में इस शहर में अपने किले की नींव रखी जिसके बाद अकबर ने यहां एक नया शहर बसाया । तब उसने इसका नाम प्रयागराज से बदलकर इलाहाबाद कर दिया था ।
2018 में बदल गया था शहर का नाम
केंद्र सरकार से एनओसी मिलने के बाद राज्य सरकार की ओर से गुरुवार शाम को जारी की गई अधिसूचना के बाद इलाहाबाद जंक्शन स्टेशन अब प्रयागराज जंक्शन के नाम से जाना जायेगा। जबकि इलाहाबाद सिटी को प्रयागराज रामबाग और प्रयाग घाट को प्रयागराज संगम के नाम से जाना जायेगा। वहीं यमुनापार में पड़ने वाले इलाहाबाद छिवकी स्टेशन का भी नाम बदलकर प्रयागराज छिवकी कर दिया गया है। योगी सरकार ने कुम्भ 2019 से पहले अक्टूबर 2018 में इलाहाबाद जिले का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था। आदेश के बाद अब स्टेशनों के नाम बदलने का काम तेजी से किया जा रहा है । पुराने नामो को मिटाकर नए नाम लिखे जाने लगे है।
विश्वविख्यात है संगम नगरी संगम नगरी
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण विश्वविख्यात है। धार्मिक दृष्टि से इलाहाबाद को हमेशा प्रयाग या फिर प्रयागराज ही कहा जाता रहा है। 2017 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2018 में इलाहाबाद का नाम बदलकर एक बार फिर से प्रयागराज कर दिया गया। प्रदेश के सभी कागजों में इलाहाबाद को परिवर्तित कर प्रयागराज कर दिया गया। लेकिन केंद्रीय कार्यालयों और रेलवे स्टेशनों का नाम इलाहाबाद के नाम से ही जाना जा रहा था। प्रयागराज के मंडलायुक्त द्वारा इलाहाबाद जंक्शन सहित सभी स्टेशनों के नाम बदल कर प्रयागराज करने के लिए प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया जिसको संस्तुति के लिए केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार द्वारा प्रेषित किया गया। जो 19 फरवरी 2020 को प्रदेश सरकार द्वारा नाम परिवर्तित किए जाने की संसुति की गई । जिसके बाद शनिवार को इलाहाबाद जंक्शन सहित प्रयागराज में आने वाले सभी चार स्टेशनों का नाम बदल कर प्रयागराज जंक्शन प्रयागराज छिवकी प्रयागराज रामबाग और प्रयागराज संगम कर दिया गया।
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