महाराष्ट्र के पालघर के बाद बुलंदशहर में दो साधुओं की धारदार हथियारों से हत्या

कोविड-19 संक्रमण को तेजी से फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन जारी है. इसी कड़ी में सोमवार देर रात बुलंदशहर में दो साधुओं की धारदार हथियारों से नृशंस हत्या कर दी गई. साधुओं की हत्या से ग्रामीणों में काफी रोष है. फिलहाल घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस बल तैनात है. पुलिस ने साधुओं के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

जानकारी के मुताबिक बुलंदशहर के अनूपशहर कोतवाली के गांव पगोना में स्थित शिव मंदिर पर पिछले करीब 10 वर्षों से साधु जगनदास उम्र (55) वर्ष और सेवादास (35) रहते थे. दोनों साधु मंदिर में रहकर पूजा-अर्चना में लीन रहते थे. सोमवार की देर रात मंदिर परिसर में ही दोनों साधुओं की धारदार हथियारों से प्रहार कर हत्या कर दी गई. मंगलवार सुबह जब ग्रामीण मंदिर में पहुंचे तो उन्हें साधुओं के खून से लथपथ शव पड़े मिले. इसे देखकर बड़ी संख्या में ग्रामीण मंदिर पर पहुंचे.

ग्रामीणों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी जिसके बाद सीओ अनूपशहर अतुल चौबे, कोतवाल मिथिलेश उपाध्याय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए. अभी घटना के पीछे कारण का पता नहीं चल सका है. सीओ अनूपशहर अतुल चौबे ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुटी है.

गौरतलब है कि बीते 17 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में दो साधु और एक ड्राइवर की करीब 200 लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

ये थी बुलन्दशहर से महाकाल एक्सप्रेस की खाश रिपोर्ट

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