ग्राम पंचायत की जमीन कब्जाई है तो हो जाओ सावधान नही तो लगेगा दोहरा जुर्माना

एटा। ग्राम पंचायत की भूमि या चकरोड पर कब्जा करने वालों से कब्जा हटाने का खर्च जुर्माने के साथ भराया जाएगा। उन्हें कब्जा हटाने गए राजस्व और पुलिस कर्मी की एक दिन की पगार भरनी होगी।
ग्राम पंचायत की भूमि पर 2003 के बाद हुए अवैध कब्जों को चिह्नित कर उसे खाली कराने की तैयारी की जा रही है। अतिक्रमण चिह्नित करने का काम जिला प्रशासन को दो महीने के अंदर पूरा करना है।

एडीएम प्रशासन सतीश पाल सिंह ने बताया कि यदि ग्राम पंचायत की जमीन या चकरोड पर अवैध कब्जा मिला, तो कब्जाधारक को भारी जुर्माना भरना पडे़गा। नए नियमों के मुताबिक शिकायत पर भूमि को कब्जा मुक्त कराने जितने भी तहसीलकर्मी और पुलिसकर्मी जाएंगे, कब्जा धारक को कब्जा मुक्त कराने के एवज में उनके एक दिन के वेतन का भुगतान करना पड़ेगा।

इसके अलावा तहसीलदार जितनी भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया उतनी भूमि का सर्किल रेट का पांच गुना जुर्माना वसूलेंगे। आबादी या चकरोड की भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत के लिए लेखपाल, कानून गो या फिर ग्राम पंचायत का निवासी होना जरूरी है। शिकायत आने पर तहसीलदार केस दर्ज कर आबादी या चकरोड को कब्जामुक्त कराएंगे।

विभागों की भू्मि पर कब्जा दो महीने में करें चिह्नित
एडीएम प्रशासन ने बताया कि राजस्व परिषद ने जिला प्रशासन को विभागों की भूमि पर अवैध कब्जे को दो महीने में चिह्नित करने के आदेश दिए हैं।

इसके लिए विभागों को अपनी भूमि पर अस्थायी या स्थायी कब्जे की सूचना तहसील प्रशासन को देनी होगी। जिला प्रशासन अपने स्तर से चारागाह और बंजर भूमि के कब्जे भी खंगालेगी। प्रशासन की विशेष नजर ऐसे भूमाफियाओं पर है जो संगठित तरीके से सरकारी या गैर सरकारी भूमि पर कब्जा किए हैं।

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