Facebook New Name: फेसबुक के नए नाम Meta का क्या है मतलब? क्यो वायरल हो रही यह पोस्ट, जानिए पूरा
(रिपोर्ट:कन्हैयालाल दुबे) :फेसबुक के नाम पर मेटा नियम के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक मैसेज बुधवार सुबह से वायरल हो रहा है । जिस मैसेज में लिखा गया है कि आपकी तस्वीरों का उपयोग किया जा सकता है लेकिन यह मैसेज 2 साल पुराना है जब फेसबुक के को फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने 28 अक्टूबर 2021 को अपनी कंपनी का नाम फेसबुक से बदलकर Meta रखने की घोषणा की हुई थी जिसके बाद यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी वायरल हो रही है वही यह पोस्ट एक बार फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही है जिस पर यूजर्स तरह-तरह की अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसे फेसबुक के यूजरों की तस्वीर उनके खिलाफ मुकदमे में इस्तेमाल करने की अनुमति देने की बात की जा रही है इसलिए कहा जाता है कि वायरल पोस्ट को कॉपी पेस्ट करके अपने फेसबुक आईडी पर डाल दीजिए इसके बाद फेसबुक के नियमों से असहमति दर्ज करवा ले। बन रही है हमारे इस कंटेंट के आखिर तक हम आपके पूरे विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से फेसबुक पर वायरल हो रही इस पोस्ट का क्या मतलब है।
☑️पूरा मेसेज इस प्रकार है :
“नया फेसबुक/मेटा नियम कल से शुरू होगा जहां वे आपकी तस्वीरों का उपयोग कर सकते हैं. मत भूलो कि समय सीमा आज है! यह आपके खिलाफ मुकदमों में इस्तेमाल किया जा सकता है. आपने जो कुछ भी पोस्ट किया है वह आज पोस्ट किया गया है – यहां तक कि संदेश भी जिन्हें हटा दिया गया है. इसमें कुछ नहीं लगता, बस कॉपी करके पोस्ट कर दो, बाद में पछताने से अच्छा है. यूसीसी कानून धाराओं के तहत 1-207, 1-308… मैं अपने अधिकारों का आरक्षण लागू कर रहा हूँ… मैं फेसबुक/मेटा या किसी अन्य फेसबुक/मेटा से संबंधित व्यक्ति को मेरी फोटो, सूचना, संदेश या संदेशों का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता, भूतकाल और भविष्य में. इस पोस्ट में कहीं भी अपनी उंगली पकड़ो और एक कॉपी दिखाई देगी. कॉपी पर क्लिक करें. फिर अपने पेज पर जाएं, एक नई पोस्ट शुरू करें. मैं फेसबुक/मेटा को अपनी वेबसाइट पर पोस्ट की गई मेरी जानकारी साझा करने की अनुमति नहीं दे रहा हूँ. फोटो, वर्तमान या पास्ट, प्रकाशन, फोन नंबर या पोस्ट… बिल्कुल मेरी लिखित अनुमति के बिना किसी भी रूप में कुछ भी उपयोग नहीं किया जा सकता है.”
फ़ैक्ट-चेक
पहली नज़र में ही ये पोस्ट फ़र्ज़ी मालूम होती है. इसकी जांच करने के लिए हमने फ़ेसबुक की डाटा पॉलिसी चेक की. वहां साफ शब्दों में लिखा है, “फ़ेसबुक कंपनी का नाम बदलकर अब मेटा हो गया है. हमारी कंपनी का नाम बदल रहा है. लेकिन हम वही प्रोडक्ट ऑफ़र करना जारी रखेंगे. इनमें मेटा का फ़ेसबुक ऐप शामिल है. हमारी डेटा पॉलिसी और सेवा की शर्तें लागू रहेंगी और नाम बदलने से हमारे डेटा उपयोग या शेयर करने के तरीके पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.” फेसबुक के टर्म्स ऑफ़ सर्विस पेज पर भी हमें यही जानकारी मिली.
आगे, गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को अमेरिकी फ़ैक्ट-चेकिंग एजेंसी Snopes की 2012 की एक रिपोर्ट मिली. इस आर्टिकल में फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम से जुड़े ऐसे ही वायरल दावों की असलियत बताई गई थी. ऐसे ही फ़ोर्ब्स ने 2019 में ऐसे फ़र्ज़ी दावे की हकीकत बताई थी. इससे पता चलता है कि ऐसे भ्रामक दावे 2012 से ही समय-समय पर कुछ बदलाव कर सोशल मीडिया शेयर किये जाते हैं.
AFP थायलैंड की रिपोर्ट के मुताबिक, भ्रामक पोस्ट अलग-अलग भाषाओं में अमेरिका, सिंगापुर, न्यूज़ीलैंड, बांग्लादेश, इथोपिया, थाईलैंड में भी वायरल है. AFP से बात करते हुए फ़ेसबुक के थाईलैंड और लाओस की कम्यूनिकेशन मैनेजर Manaschuen Kovapirat ने बताया कि वायरल मैसेज सही नहीं हैं. कुल मिलाकर, ऑल्ट न्यूज ने पाया कि वायरल पोस्ट तथ्यहीन हैं. इन फ़र्ज़ी दावों का फ़ेसबुक/मेटा के नियमों से कोई संबंध नहीं है.
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