वसई स्थित चिंचोटी क्षेत्र में भ्र्ष्टाचार के बलबूते अवैध नवनिर्माणों को मिल रहा है संरक्षण.., प्रशासनिक अधिकारी भूमाफियाओं / अवैध निर्माणकर्ताओं के समक्ष हैं नतमस्तक...??
वसई : वसई विरार शहर मनपा प्रभाग समिति जी कार्यक्षेत्र चिंचोटी स्थित सर्वे नं.३०, सर्वे नं.७२, सर्वे नं.५६ व सर्वे नं.८५ में कानून कायदों को ताक पर रख बेख़ौफ़ भ्र्ष्टाचार के बलबूते अवैध नवनिर्माणों को अंजाम दिया जा रहा है..
बता दें कि उक्त क्षेत्र इको सेंसिटिव जोन में भी आता है जिससे वन विभाग के अधिकारियों की भी जवाबदेही होती है कि क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहे अतिक्रमण को निष्काषित किया जाए व सबंधित अवैध निर्माणकर्ताओं पर कानूनी कार्यवाई की जाए.. किंतु वे भी भ्र्ष्टाचार के वशीभूत होकर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ते हुए मनपा पर कार्यवाई का जिम्मा ठोंक देते हैं..और मनपा अधिकारी तो भ्र्ष्टाचार की मलाई चाटकर कुंभकर्णी नींद में सो जाते हैं..??
उन्हें तो अपनी जवाबदारी का जैसे कोई एहसास ही नही है..?? कुलमिलाकर देखा जाए तो वसई विरार शहर में जोर शोर से भ्र्ष्टाचार का खेल खेला जा रहा है.??प्रशासनिक अधिकारियों को भ्र्ष्टाचार के शिवाय जैसे कुछ सूझता ही नही है..??
इसी का फायदा उठाते हुए क्षेत्रीय भूमाफिया/ अवैध निर्माणकर्ता कानून कायदों व नियमों की परवाह किये बिना बेख़ौफ़ अवैध नवनिर्माणों को अंजाम दे रहे हैं..अथवा शिकायतकर्ताओं को डराने धमकाने व मारने पीटने से भी बाज नही आ रहे हैं..?? यदि समय रहते इन मनबढ़ भूमाफियाओं / अवैध निर्माणकर्ताओं पर नकेल नही कसा गया तो इसका दुष्परिणाम भयावह हो सकता है..??जिसकी चपेट में शिकायतकर्ता के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारी भी आ सकते है..??
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