आगामी मनपा चुनाव के नतीजो से शहर भगवामय हो सकता है - अभिषेक सिंह ठाकुर
नालासोपारा ( लालप्रताप सिंह ) : वसई विरार शहर मे मनपा चुनाव के मद्देनजर सभी पक्षों की उठापठक जारी हो गयी है। सभी अपनी अपनी तैयारी मे लग गए है। वहीं स्थानीय सत्तापक्ष बहुजन विकास आघाडी को पटखनी देने हेतु शिवसेना पक्ष भी अपने आप को मजबूती से चुनावी मैदान मे उतरने के लिए आतुर दिखाई दे रही है तथा सत्तापक्ष बविआ मे सेंध भी लगा रही है गत कुछ दिनों मे बविआ के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता बविआ को छोड़ शिवसेना मे शामिल हो चुके है तथा चुनाव तक कई और भी लोगों के पक्ष प्रवेश की संभावना को नकारा नही जा सकता। हिंदी में एक कहावत बहुत प्रचलित है, "कौन कहता है कि आसमान में सुराख नही हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो", ये कहावत वसई विरार शहर के बदलते राजनीतिक स्वरूप पर एकदम सटीक बैठ रहा है। पिछले लगभग 30 वर्षों से शहर पर एकतरफा राज करने वाली बहुजन विकास आघाडी पार्टी के दिग्गज पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का शिवसेना में सम्मिलित होने के आंकड़े से अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी चुनाव के नतीजो से शहर भगवामय हो सकता है। पूर्व विधायक विलास तरे, शिरीष चव्हाण और धनंजय गावडे सहित शिवसेना के क़ई दिग्गज पदाधिकारियों के मार्गदर्शन एवं सलीम आर खान, अभिषेक सिंह ठाकुर जैसे युवा नेताओं के कुशल नेतृत्व में आए दिन बहुजन विकास आघाडी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी शिवसेना में सम्मिलित हो रहे हैं। जिस शहर में सत्ताधारी पार्टी के डर से लोग सच बोलने से और गलत के खिलाफ एक आवाज उठाने से भी कतराते थे ,
उसी शहर में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा और धनञ्जय गावडे जैसे निडर नेताओं ने जहां एक तरफ लोगो के मन से "विरार" नाम के डर का अंत किया वहीं कोरोना काल की मुश्किल घड़ी में भी अभिषेक सिंह ठाकुर जैसे क़ई युवाओं के निःस्वार्थ सेवा भाव ने आम जनता के हृदय में शिवसेना के लिए अगाध प्रेम भर दिया। महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार द्वारा कोरोना की मुश्किल घड़ी में जहां एक तरफ जनता को निःशुल्क यात्रा की व्यवस्था की गई थी वहीं ऐसे समय मे भी स्थानीय कुछ नेताओं द्वारा की गई टिकट की दलाली भी जनता को रास नही आई और यही कारण है कि अब चुनाव के ठीक पहले सत्ताधारी पार्टी के क़ई पदाधिकारी, कार्यकर्ता और जनता ने अब शिवसेना में शामिल होकर सत्ता के आतंक का अंत करने का निर्णय कर लिया है।
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