बम बनाने का तरीका,GPS और देश विरोधी दस्तावेज,PFI के मिले सबूतों ने उड़ाये होश...
22 सितंबर को पहली बार जब पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की गई तो काफी हो हल्ला हुआ. सवाल खडे़ किए गए कि पीएफआई को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है.
लेकिन जांच एजेंसियों ने जो खुलासे किए हैं वो चौंकाने वाले हैं. छापेमारी के दौरान IED बनाने के शॉर्ट कट तरीके वाले दस्तावेज बरामद हुए. एजेंसियों के रेड के बाद केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक में प्रदर्शन हुए. एक दिन पहले देश के नौ राज्यों में फिर से छापेमारी हुई. इसमें भी कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. अब एक एक करके पीएफआई कांड का खुलासा हो रहा है. जनता की सेवा करने के उद्देश्य से बनाए गए इस संगठन में देश को नुकसान पहुंचाने वाले काम हो रहे थे.
छापेमारी के दौरान जांच एजेंसियों को चौंकाने वाली चीजें बरामद हुईं. तमिलनाडु के रामनाड जिले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के जिलाध्यक्ष बराकतुल्ला के आवास से दो लॉवरेंस एलएचआर-80 बरामद किए गए. LHR-80 जीपीएस के साथ एक हैंडहेल्ड रेडियो और नेविगेटर है. इसके अलावा एजेंसियों को IED बनाने के दस्तावेज मिले हैं. इनमे आईईडी कैसे बनाई जाए उसके शॉर्ट कोर्स हैं. एजेंसियों को ढेर सारे दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. जिसमें देश को इस्लामिक बनाने की तैयारी जैसी बातें कहीं गई हैं. कोलकाता के पीएफआई दफ्तर से एजुकेशन गाइड मिली है. जिसमें तमाम ऐसी बातें लिखी हैं जो देश के खिलाफ हैं.
छापेमारी के दौरान बरामद हुआ कैश
बैंगलोर में छापेमारी के दौरान पीएफआई लीडर के घर से भारी कैश बरामद हुआ है. गृह मंत्रालय ने जारी गजट में बताया है कि पीएफआई के सहयोगी संगठन फंडिंग का काम करते थे. ये सभी जनता के बीच रहते थे और फंड इकट्ठा करते थे. फंड एकजुट कराने में पीएफआई मेंबर भी साथ देते थे. सोशल डेमोक्रेटिक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (SDPI) के एक मेंबर के घर से भी संगीन वस्तुएं बरामद हुई हैं. बाराबंकी यूपी से मोहम्मद नदीम के ठिकाने से आईईडी बनाने के शॉर्ट कट लेख बरामद हुआ है.
SDPI ने किया विरोध
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राष्ट्रीय महासचिव इलियास मोहम्मद थुम्बे ने कहा कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध देश में अघोषित आपातकाल का हिस्सा है. शासन की निर्ममता के खिलाफ बोलने वाले संगठनों और लोगों को छापे और गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा. एसडीपीआई पीएफआई का ही राजनीतिक संगठन है.
टेरर का फुल कनेक्शन
केंद्र सरकार ने इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI पर बड़ा एक्शन लेते हुए बैन कर दिया है. सरकारी गजट में जारी नोटिफिक्शन में PFI पर पांच साल के बैन लगाया गया है. पीएफआई के खिलाफ छापेमारी में टेरर लिंक के सबूत मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई की है. PFI के साथ ही उसके मददगार संगठनों पर भी बैन लगा दिया गया है. देश विरोधी गतिविधियों के आरोपों के बाद बीते एक हफ्ते के दौरान देशभर के 15 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी. एनआईए और ईडी ने PFI के ठिकानों पर दबिश दी थी.
अजमेर शरीफ दरगाह ने इस कदम को सराहा
अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख जैनुल आबेदीन अली खान ने केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई कानून के अनुपालन और आतंकवाद की रोकथाम के लिए की गई है और सभी को इसका स्वागत करना चाहिए. खान ने कहा, ‘देश सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं, देश किसी भी संस्था या विचार से बड़ा है और अगर कोई इस देश को तोड़ने, यहां की एकता और संप्रभुता को तोड़ने की बात करता है, देश की शांति खराब करने की बात करता है, तो उसे इस देश में रहने का अधिकार नहीं है.’ उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार पीएफआई की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की खबरें आ रही हैं और इस पर लगाया गया प्रतिबंध देश हित में है.
एडिटर- KLDUBEY👍
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