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Showing posts from August, 2023

नालासोपारा पूर्व आचोले पोलिस स्टेशन में आए हुए नवगत वरिष्ठ पोलिस निरीक्षक बालासाहब पवार जी को भा, ज,पा, के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं द्वारा पुष्प गुच्छ और साल देकर शुभकामनाए व बधाई देते हुए।

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नालासोपारा पूर्व आचोले पोलिस स्टेशन में आए हुए नवगत वरिष्ठ पोलिस निरीक्षक बालासाहब पवार जी को भा, ज,पा, के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं द्वारा पुष्प गुच्छ और साल देकर शुभकामनाए व बधाई देते हुए। बालासाहब पवार जी से हमारी लंबी बात चीत हुई।उनके विचारों से ऐसा प्रतीत होता है कि इस शहर में अब जाकर कोई निष्ठा वान और अपने दायित्व को सही ढंग से निभाने वाला कोई आफिसर आचोले पोलिस स्टेशन को मिला है।  बालासाहब पवार जी मृदुल भाषी  के साथ दबंग आफिसर है।उनके यहां पर आने से हम सभी को पूर्ण विश्वास है कि आचोले पोलिस स्टेशन अंतर्गत क्राइम करने वाले अपराधी शरणागत होंगे या आचोले छोड़कर कही पर और शरण लेंगे।क्योंकि आचोले का क्राइम ग्राफ सीमा लांघ चुका है ऐसे में इसी तरह के आफिसर की जरूरत थी।और उसी पोलिस स्टेशन में पोलिस उपाधीक्षक के रूप में सुहास महात्रे जी है जो कि आम जनता से उनका संबंध बहुत अच्छा है।जिस पोलिस स्टेशन में ऐसे आफिसर हो तो वहां पर क्राइम करने वाले दहशत में रहेंगे। विजयप्रकाश दुबे भा, ज,पा, जिला,उपाध्यक्ष ने कहा मै धन्यवाद करता हु C,p, मधु कर पांडे जी का जिन्होंने सही निर्णय ...

यूपी की सड़कों पर अब नजर नहीं आएंगे निराश्रित गोवंश, सीएम ने सभी जिलाधिकारियों को दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश की सड़कों पर अब निराश्रित गोवंश भटकते नजर नहीं आएंगे। योगी सरकार ने इनकी सुरक्षा और देखभाल के लिए कड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निराश्रित गोवंश को पहले से संचालित गो सरंक्षण केंद्रों तक पहुंचाने, उनके लिए हरे चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने और समय-समय पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण के लिए निर्देश दिये हैं। साथ ही जिलाधिकारियों को इसे अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल करते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लगातार प्रदेश भर में सड़कों पर निराश्रित गोवंश की तादाद बढ़ने की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर सीएम योगी ने पहले भी अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी, जिसके बाद काफी सुधार भी देखने को मिला है और अब योगी सरकार ने इस दिशा में और तेजी से कार्य करने के निर्देश दिये हैं, ताकि प्रदेश की सड़कों पर एक भी निराश्रित गोवंश न दिखे।  अतिरिक्त गो आश्रय स्थल बढ़ाने के लिए जल्द तैयार करें कार्ययोजना  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निराश्रित गोवंश की सुरक्षा और ...

Facebook New Name: फेसबुक के नए नाम Meta का क्या है मतलब? क्यो वायरल हो रही यह पोस्ट, जानिए पूरा

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(रिपोर्ट:कन्हैयालाल दुबे) :फेसबुक के नाम पर मेटा नियम के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक मैसेज बुधवार सुबह से वायरल हो रहा है । जिस मैसेज में लिखा गया है कि आपकी तस्वीरों का उपयोग किया जा सकता है लेकिन यह मैसेज 2 साल पुराना है जब फेसबुक के को फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने 28 अक्टूबर 2021 को अपनी कंपनी का नाम फेसबुक से बदलकर Meta रखने की घोषणा की हुई थी जिसके बाद यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी वायरल हो रही है वही यह पोस्ट एक बार फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही है जिस पर यूजर्स तरह-तरह की अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसे फेसबुक के यूजरों की तस्वीर उनके खिलाफ मुकदमे में इस्तेमाल करने की अनुमति देने की बात की जा रही है इसलिए कहा जाता है कि वायरल पोस्ट को कॉपी पेस्ट करके अपने फेसबुक आईडी पर डाल दीजिए इसके बाद फेसबुक के नियमों से असहमति दर्ज करवा ले। बन रही है हमारे इस कंटेंट के आखिर तक हम आपके पूरे विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से फेसबुक पर वायरल हो रही इस पोस्ट का क्या मतलब है। ☑️ पूरा मेसेज इस प्रकार है : “नया फेसबुक/म...

कहीं प्रधान के देवर, कहीं पति, तो कहीं भाई व बेटे की हूँकूमत, दरबारी बने सेकेट्ररी.!!

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यूपी के विभिन्न जिलों में जमकर पंचायती राज का मखौल उड़ रहा है और शासनिक अधिकारी भी मजबूरन ‘धृतराष्ट्र की भूमिका’ में हैं.  कहीं प्रधान बनी भौजी के देवर प्रतिनिधि बने घूम रहे हैं, तो कहीं ‘प्रधान पति’ भी खुद को ग्राम प्रधान कहकर गौरवान्वित ही नहीं कर रहे हैं बल्कि सुगंधित फूल की मालाएं पहन रहे हैं. ऐसे में प्रधान पूत कहां पिछड़ने वाले थे, वे भी ब्लाक में परधानी का ठेला सजा लिए हैं.   पंचायती राज का सबसे बड़ा मखौल यह उड़ रहा है कि कुछ पथभ्रष्ट सेकेट्ररी भी इन्हीं मुखबोले प्रतिनिधियों के दरबारी बन बैठे हैं। जगजाहिर है कि पंचायती राज व्यवस्था में चुने गए जन प्रतिनिधि को अपना प्रतिनिधि नामित करने की व्यवस्था नहीं है. फिर भी कुछ ग्राम प्रधान अपने परिवार के सदस्यों को कार्यभार सौप देते हैं. जहां उक्त मुखबोले प्रतिनिधि अधिकारियों के सामने प्रधान बनकर पहुंचने लगते हैं. प्रस्ताव की आड़ में लूट-खसोट की शिकायतें भी बढ़ती है लेकिन प्रधानजी अंजान बने रहते हैं. ज्यादातर महिला जन प्रतिनिधि यह रवैया अपनाती हैं. हालांकि शासन द्वारा इस पर रोक लगा चुका है. इसके बाद भी यह चलन बरकरार है...

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं kldubey

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गुटखे का काला सच ! आज खुलेगा पूरा पोल; कौन सप्प्लायर है ? और कौन है गुटखा माफिया ?15 अगस्त पर बड़ा खुलासा।।

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दोस्तों मेरा नाम कन्हैयालाल दुबे (KLDUBEY) है और मै एक पत्रकार हूँ, कई सालों से महाराष्ट्र में गुटखा बंद है फिर भी गुटखा माफिया महाराष्ट्र के हर जिलों में गुटखा सप्लाई करते है, गुटखा बैन होने से राज्य सरकार को टैक्स नहीं देना पड़ता है, और यही शुरू होता है गुटखा तस्करी का खेल, इस खेल में करोडो रुपये रोज़ हेरा-फेरी होती है। इस गुटखा तस्करी के चौरस का वजीर कौन है ? बादशाह कौन है ? और इस आईन-ए-अकबरी’ में पाँसा कौन फेकता हैं। सबके बारे आज पोल खोलूँगा, धयान से पूरा पढ़िए। बाबू अकरम उर्फ ​​​​इब्राहीम पटेल कैसे वाइट एंड वाइट घूमता है? आइये शुरू करते है........ गुटखा किंग को भाई बाबू अकरम उर्फ ​​इब्राहिम यासीन पटेल और नौशाद यासीन पटेल उर्फ ​​पापा चलाते हैं। एक बार माल महाराष्ट्र के तलासरी में उतार दिया जाता है, तो पटेल भाई ही उन्हें मुंबई और ठाणे क्षेत्रों में वितरित करते हैं। इनमें से तीन (1) राजू शेट्टियार उर्फ ​​राजेश वाला (2) राजू राजकुमार सपाटे (3) शौकत मुंबई में बाबू अकरम उर्फ ​​इब्राहिम यासीन पटेल के लिए काम करते हैं। बाबू अकरम उर्फ ​​इब्राहिम पटेल पर महाराष्ट्र में गुटखा तस्करी के कई मामले...