रंगनाथ मिश्र की घर वापसी: पूर्व मंत्री के भाजपा में जाने से बढ़ी सियासी सरगर्मी, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नौ रत्नों में थे शामिल
भदोही:अस्सी के दशक में भाजपा से राजनीतिक पारी की शुरू करने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री रंगनाथ मिश्र ने शनिवार को 17 साल बाद घर वापसी कर ली। भाजपा में शामिल होते ही भदोही की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा और बसपा के टिकट पर चार बार विधायक रहे रंगनाथ भाजपा और बसपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
औराई के सहसेपुर निवासी रंगनाथ मिश्र ने 80 के दशक में भाजपा से सियासी सफर की शुरूआत की। उस दौरान भदोही भी वाराणसी जिले का हिस्सा था। 1986-87 में वह भाजयुमो के प्रदेश सचिव बने। वर्ष 1991 में पहली बार चुनाव लड़े पर सफलता नहीं मिली। वर्ष 1993 में औराई सीट से वे पहली बार विधायक बने।
जनपद सृजन के बाद वे भदोही के पहले जिलाध्यक्ष भी बने। उसके बाद 1996 में भाजपा के टिकट पर ही उन्होंने जीत दर्ज की और सरकार में ऊर्जा राज्यमंत्री, मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण सहित वन मंत्री बनाया गया। वर्ष 2002 के चुनाव में उन्हें डॉक्टर सिंह उर्फ उदयभान सिंह ने हरा दिया।
हालांकि बाद में उदयभान सिंह की सदस्यता समाप्त होने के बाद 2005 में हुए उपचुनाव में रंगनाथ बसपा के टिकट पर निर्वाचित हुए। 2007 में चुनाव जीतकर बसपा सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री बने। जिसके बाद लंबे समय तक बसपा में रहे। रंगनाथ मिश्र पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नौ रत्नों में गिने जाते थे।
रंगनाथ का राजनीतिक सफर
- 1986-87 में भाजयुमो के प्रदेश सचिव बने।
- 1994 में जनपद सृजन के बाद भाजपा के पहले जिलाध्यक्ष बने।
- 1991 में औराई विधान सभा से चुनाव लड़े, लेकिन हार मिली।
- 1993 में पहली बार औराई विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने।
- 1996 में पुन: विधायक बने और भाजपा सरकार में मंत्री बने।
- 2005 में भाजपा छोड़कर बसपा में शामिल। उपचुनाव में पुन: विधायक बने।
- 2007 में औराई से चुनाव जीते, माध्यमिक शिक्षा मंत्री बने।
- 2012 में मिर्जापुर से बसपा की सीट से लड़े, हारे।
- 2017 में भदोही विधानसभा से लड़े, तीसरे नंबर पर रहे।
- 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से लोकसभा प्रत्याशी बने रनर अप रहे।
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