प्रयागराज: दलदल में फंसकर छह गायों की मौत, मंत्री ने दिए जांच के आदेश
आसपुर देवसरा के अतरौरा में बने गो आश्रय केंद्र पर दलदल व कीचड़ में फंसकर छह गायों की मौत हो गई। मामला बाहर तक न पहुंचे इसलिए कर्मचारियों ने आश्रय केंद्र के भीतर ही जेसीबी लगाकर उनके शव दफना दिए। खबर फैलने पर अब कर्मचारी एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। मामले की जानकारी होने पर शनिवार को समीक्षा बैठक में शामिल होने आए कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने जांच के निर्देश दिए हैं।
तीन दिन तक इलाके में हुई लगातार बारिश ने गो आश्रय केंद्रों की पोल खोलकर रख दी है। यहां जलभराव के साथ ही दलदल बन गया है। ऐसे में गो आश्रय केंद्र मवेशियों के लिए कब्रगाह साबित हो रहे हैं। अतरौरा में बने गो आश्रय केंद्र पर तीन दिनों से मवेशियों के लिए चारा-पानी की व्यवस्था नहीं थी। बारिश के बाद गो आश्रय केंद्र पूरी तरह दलदल में तब्दील हो गया था। शुक्रवार को यहां भूख से तड़पकर दलदल में फंसी चार गायों की मौत हो गई।
मामला दबाने के लिए कर्मचारियों ने जेसीबी बुलाकर अंदर ही सभी मृत गायों को दफन करवा दिया। शनिवार को मामला उजागर होने पर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। यहां तैनात कर्मचारी एक-दूसरे पर दोषारोपण करते नजर आए। मौके पर मिले कर्मचारी रमाशंकर वर्मा ने बताया कि जिस दिन गायों की मौत हुई उस दिन अरविंद वर्मा की ड्यूटी थी और वह बार-बार बुलाने पर भी नहीं आया। इधर, खंड विकास अधिकारी संजय सिंह ने घटना की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया। जबकि कर्मचारी कर रहे थे कि गायों की मौत के बारे में खंड विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी को अवगत करा दिया गया है।
शनिवार को पट्टी में समीक्षा बैठक करने आए कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, मेंहदिया स्थित गो आश्रय केंद्र पर एक और गोवंश की मौत की सूचना पर एसडीएम डीपी सिंह व खंड विकास अधिकारी जांच करने पहुंचे।
तीन दिन तक इलाके में हुई लगातार बारिश ने गो आश्रय केंद्रों की पोल खोलकर रख दी है। यहां जलभराव के साथ ही दलदल बन गया है। ऐसे में गो आश्रय केंद्र मवेशियों के लिए कब्रगाह साबित हो रहे हैं। अतरौरा में बने गो आश्रय केंद्र पर तीन दिनों से मवेशियों के लिए चारा-पानी की व्यवस्था नहीं थी। बारिश के बाद गो आश्रय केंद्र पूरी तरह दलदल में तब्दील हो गया था। शुक्रवार को यहां भूख से तड़पकर दलदल में फंसी चार गायों की मौत हो गई।
मामला दबाने के लिए कर्मचारियों ने जेसीबी बुलाकर अंदर ही सभी मृत गायों को दफन करवा दिया। शनिवार को मामला उजागर होने पर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। यहां तैनात कर्मचारी एक-दूसरे पर दोषारोपण करते नजर आए। मौके पर मिले कर्मचारी रमाशंकर वर्मा ने बताया कि जिस दिन गायों की मौत हुई उस दिन अरविंद वर्मा की ड्यूटी थी और वह बार-बार बुलाने पर भी नहीं आया। इधर, खंड विकास अधिकारी संजय सिंह ने घटना की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया। जबकि कर्मचारी कर रहे थे कि गायों की मौत के बारे में खंड विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी को अवगत करा दिया गया है।
शनिवार को पट्टी में समीक्षा बैठक करने आए कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, मेंहदिया स्थित गो आश्रय केंद्र पर एक और गोवंश की मौत की सूचना पर एसडीएम डीपी सिंह व खंड विकास अधिकारी जांच करने पहुंचे।
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